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कोैन कितना दमदार ? जानिये टीम आतिशी की पूरी कुंडली

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देश की राजधानी दिल्ली में नई सरकार की ताजपोशी हो गई। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में परिवर्तन हुआ। केजरीवाल सरकार में शिक्षा मंत्री रहीं आतिशी ने दिल्ली की कमान संभाल ली। दिल्ली स्थित राज निवास में आतिशी के साथ पांच अन्य मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। नई सरकार में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत मंत्री बने हैं। 

कौन कितना पढ़ा लिखा?
मुख्यमंत्री आतिशी कैबिनेट में सबसे पढ़े लिखे चेहरों में हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से 2006 में एमएससी की है। आतिशी ने चुनावी हलफनामे में खुद को समाजसेवक बताया है। इसके अलावा दो अन्य मंत्री गोपाल राय और कैलाश गहलोत की शैक्षिक योग्यता भी परास्नातक है। गोपाल राय ने खुद का पेशा समाजसेवा तो कैलाश गहलोत ने राजनीति बताया है।

मंत्रिमंडल की उम्र कितनी?
दिल्ली सरकार की नई कैबिनेट की औसत उम्र करीब 46 साल है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कालकाजी सीट से जीतीं 43 वर्षीय मुख्यमंत्री आतिशी कैबिनेट में सबसे युवा हैं। बल्लीमारान सीट से विधायक इमरान हुसैन आतिशी से महज 18 दिन बड़े हैं। 50 साल के कैलाश गहलोत इस कैबिनेट में सबसे उम्रदराज हैं। कैलाश गहलोत नजफगढ़ से विधायक हैं। इसके अलावा तीन अन्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज की उम्र 44 साल, मुकेश अहलावत की 48 साल और गोपाल राय की 49 साल है।

मंत्रिमंडल में कौन कितना अमीर?
कैबिनेट में संपत्ति के मामले में कैलाश गहलोत सबसे आगे हैं। 2020 के चुनावी हलफनामे में कैलाश ने अपनी कुल संपत्ति 46.07 करोड़ रुपये बताई। इस मामले में दूसरा स्थान सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश अहलावत का है। मुकेश ने अपनी संपत्ति 6.18 करोड़ रुपये बताई थी। तीसरे स्थान पर बल्लीमारान से एमएलए इमरान हुसैन हैं जिनकी 2020 में संपत्ति 1.413 करोड़ रुपये थी। संपत्ति के मामले में मुख्यमंत्री आतिशी चौथे स्थान पर हैं। 2020 में आतिशी ने अपनी कुल संपत्ति 1.412 करोड़ रुपये बताई थी। पांचवें नंबर पर ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज हैं। सौरभ की 2020 में संपत्ति 1.09 करोड़ रुपये थी। इस कैबिनेट में सबसे कम संपत्ति वाले गोपाल राय हैं। 2020 के चुनावी हलफनामे में बाबरपुर विधायक गोपाल राय ने अपनी कुल संपत्ति 90.01 लाख रुपये घोषित थी।

कितने मंत्री दागी?
2020 के चुनावी हलफनामे में आतिशी अपने खिलाफ एक केस दर्ज होने की जानकारी दी थी। इसके अलावा 2020 के शपथ पत्र के अनुसार, गोपाल राय के खिलाफ भी एक केस दर्ज था। चुनावी हलफनामे के अनुसार, यह केस लखनऊ के हसनगंज थाने में दर्ज किया गया था।