मशहूर साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा 59 वां ज्ञानपीठ पुरस्कार, मुख्यमंत्री ने घर पहुंचकर किया सम्मान

हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध लेखक विनोद कुमार शुक्ल को देश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। वे यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले छत्तीसगढ़ के पहले लेखक होंगे। 88 वर्षीय शुक्ल अपनी कहानियों, कविताओं और लेखों के लिए जाने जाते हैं और समकालीन हिंदी साहित्य के सबसे प्रभावशाली रचनाकारों में शुमार हैं।
मुख्यमंत्री ने किया सम्मान
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने रायपुर में साहित्यकार विनोद शुक्ल के आवास जाकर उनसे मुलाकात की है. विनोद शुक्ल हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार हैं. ज्ञानपीठ सम्मान की घोषणा पर मुख्यमंत्री साय ने सभी प्रदेशवासियों की तरफ से विनोद शुक्ल को बधाई दी है. सीएम ने रविवार को विनोद शुक्ल से मुलाकात की.
यह पुरस्कार 11 लाख रुपये की राशि, मां सरस्वती की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र के साथ दिया जाता है। इस सम्मान को पाकर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी।
मैंने तो कभी सोचा ही नहीं था – शुक्ल
अपनी सहज भाषा और संवेदनशील लेखन के लिए पहचाने जाने वाले शुक्ल ने कहा, “यह बहुत बड़ा पुरस्कार है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे यह मिलेगा। दरअसल, मैंने कभी पुरस्कारों पर ध्यान नहीं दिया। लोग मुझसे अक्सर कहते थे कि मुझे ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलना चाहिए, लेकिन मैं क्या कहता? झिझक के कारण मैं कभी सही शब्द नहीं खोज पाया।”वे आज भी लेखन में सक्रिय हैं, खासतौर पर बच्चों के लिए लिखना उन्हें पसंद है। उनका मानना है कि “लिखना एक छोटी चीज़ नहीं है, इसे निरंतर करते रहना चाहिए और पाठकों की प्रतिक्रिया पर ध्यान देना चाहिए।”