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महालक्ष्मी हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुक्ति राजन प्रताप रे ने आत्महत्या की

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 बैंगलूरू में महालक्ष्मी हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुक्ति राजन प्रताप रे ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस के मुताबिक, पकड़े जाने के डर से आरोपी ने यह कदम उठाया। आरोपी ने बुधवार को ओडिशा में खुदकुशी कर ली।

बंगलूरू में शनिवार (21 सितंबर) को एक भयावह हत्याकांड का मामला सामने आया। वायलिकावल में दिल्ली में श्रद्धा वाकर की हत्या की तर्ज पर 29 वर्षीय महिला महालक्ष्मी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यहां विनायक लेआउट इलाके के एक घर में हत्याकांड को अंजाम दिया गया। उनके शरीर के टुकड़े कर एक रेफ्रिजरेटर के अंदर भरे हुए मिले थे। महालक्ष्मी का क्षत-विक्षत शव उनकी मां और बड़ी बहन ने घर में पाया। महालक्ष्मी की एक बहन अपने जुड़वां बेटों के साथ एक ही इमारत में अलग-अलग घरों में रहती थीं। महालक्ष्मी अपने पति हेमंत दास से अलग हो गई थीं और अक्तूबर 2023 से इस इलाके में रह रही थीं। 

कैसे हुआ हत्यकांड का खुलासा?
21 तारीख को मकान मालिक ने फोन कर मां को बताया कि घर से बहुत दुर्गंध आ रही है। दोपहर करीब 12 बजे वह आईं और ताला हटाया तो उनकी बेटी के कपड़े फ्रीजर में मिले। यह देखकर महालक्ष्मी की मां हैरान हो गईं क्योंकि वह राखी त्योहार के दिन अपनी बेटी से आखिरी बार मिली थीं।

बाद में पुलिस को महालक्ष्मी की हत्या की सूचना दी गई। घटना की जानकारी भले ही 21 सितंबर को मिली लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हत्याकांड को 19 दिन पहले अंजाम दिया गया था। 2 सितंबर को महालक्ष्मी का मोबाइल बंद हो गया। फ्रिज में महालक्ष्मी के शरीर के 50 से ज्यादा टुकड़े मिले। हत्याकांड को अंजाम देने वाले ने सबूतों को मिटाने की कोशिश की थी। फ्रिज से खून की एक बूंद के अलावा घर में खून के कोई धब्बे नहीं थे। ल्यूमिनल परीक्षण के दौरान घर के फर्श पर खून का कोई निशान नहीं पाया गया। इस बात की पूरी आशंका है कि हत्यारे ने किसी केमिकल का इस्तेमाल कर पूरे घर को साफ कर दिया।

मामले में आरोपी कौन है?
महालक्ष्मी हत्याकांड को लेकर परिवार वालों ने चार लोगों पर शक जताया है, जो बंगलूरू में ही रहते थे। इनमें मुक्ति राजन, शशिधर, सुनील और अशरफ शामिल हैं। मुक्ति राजन, शशिधर और सुनील महालक्ष्मी के साथ काम करते थे। परिजन का दावा है कि उत्तराखंड का रहने वाला अशरफ महालक्ष्मी के साथ था। बताया गया कि महालक्ष्मी जिस कंपनी में काम करती थीं, वहां उनका झगड़ा हो गया था।

महालक्ष्मी के पति हेमंत दास ने बताया कि एक दिन जब उन्होंने महालक्ष्मी का मोबाइल फोन चेक किया तो पता चला कि वह अशरफ के संपर्क में हैं। 

पुलिस ने क्या जांच की?
घटना के बाद से ही बंगलूरू पुलिस ने हत्यारे की तलाश में जाल बिछा दिया। आरोपियों की तलाश के लिए कई टीमें गठित की गईं। आरोपियों की तलाश में जहां दूसरे राज्यों में छापेमारी हो रही है। पुलिस एक-एक कर संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर रही है। उधर आरोपियों की पहचान के लिए जब फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों ने महालक्ष्मी के घर की तलाशी ली तो कई उंगलियों के निशान मिले। इससे पुलिस को शक हुआ कि महालक्ष्मी की हत्या कई लोगों ने की है।

इस बीच, पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने दावा किया कि पुलिस को उस शख्स का सुराग मिल गया है जिसने घटना को अंजाम दिया। पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, आरोपी राज्य के बाहर का है और बंगलूरू में रहता था। हत्या करने के बाद आरोपी फरार हो गया और पुलिस ने आरोपी के लिए जाल बिछाया है। पुलिस जांच से पता चलेगा कि यह हत्या एक व्यक्ति ने की है या एक से अधिक लोगों ने की।

हत्याकांड में अभी क्या हुआ है?


महालक्ष्मी हत्याकांड में बुधवार (25 सितंबर) को उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब पता चला कि मुख्य आरोपी मुक्ति राजन (30) ने आत्महत्या कर ली है। हत्या के मामले में पुलिस को ओडिशा निवासी मुक्ति राजन पर शक था। वह उस मॉल में स्टोर मैनेजर था जहां महालक्ष्मी काम करती थीं और संदेह है कि उसने यह कृत्य किया है। कई जगहों पर उसकी तलाश कर रही पुलिस को जानकारी मिली कि वह ओडिशा चला गया है। मिली सूचना के आधार पर पुलिस ओडिशा गई। इस बीच, पुलिस को पता चला कि मुक्ति राजन ने आत्महत्या कर ली है। आरोपी के पास मिली डायरी में एक डेथ नोट मिला है। राजन ने नोट लिखा और कब्रिस्तान में आत्महत्या कर ली।