
क्या है योजना
सौगात ए मोदी योजना भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। 32 लाख गरीब मुसलमानों को ईद के मौके पर ‘सौगात ए मोदी’ दिया जाएगा, ताकि उन्हें ईद मनाने में किसी तरह की दिक्कत न हो।इसका उद्देश्य है मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देना और भाजपा और एनडीए के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाना। यह अभियान खास इसलिए भी है क्योंकि यह रमजान और ईद जैसे अवसरों पर केंद्रित है। इस अभियान के तहत केंद्र सरकार ने 32 लाख मुस्लिम परिवारों तक पहुंचने और 3 हजार मस्जिदों के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है। कुछ लोग केंद्र सरकार के इस फैसले को समावेशी बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे राजनीति का हिस्सा बता रहे हैं। बता दें कि यह अभियान भाजपा की व्यापक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
क्या है योजना की रणनीति
अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीक़ी ने बताया कि रमज़ान के पवित्र महीने और आगामी ईद, गुड फ्राइडे,ईस्टर नवरोज़ और भारतीय नववर्ष के उपलक्ष्य में अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा ‘सौग़ात-ए- मोदी’ अभियान के माध्यम से ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचने का काम किया जाएगा. साथ ही ज़िलास्तर पर ईद मिलन समारोह का भी आयोजन किया जाएगा. सिद्दीकी ने कहा कि मोर्चे के 32 हज़ार पदाधिकारी 32 हज़ार मस्जिदों से संपर्क कर 32 लाख जरूरतमंदों को ‘सौग़ात-ए- मोदी’ किट के जरिए ज़रूरत की चीजें पहुंचाएंगे। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि हमें रमज़ान के महीने में मिस्कीन, कमजोर पड़ोसी और गरीब रिश्तेदारों की दिल खोलकर मदद करनी चाहिए।सौग़ात-ए-मोदी’ अभियान के तहत दी जाने वाली किट में अलग-अलग तरह के समान होंगे. इसमें खाने के समान के साथ-साथ कपड़े और सेवइयां, खजूर, ड्राई फ्रूट्स, शक्कर आदि चीजें होंगी
वोटबैंक को लेकर भाजपा की तगड़ी रणनीति
भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ‘हां कुछ पढ़े लिखे मुस्लिम युवा और महिलाओं ने लोकसभा में निश्चित रूप से मोदी जी को और एनडीए को वोट दिया था। मुस्लिम वोट के जो ठेकेदार बने हैं, दलाल बने हैं। उनसे उनका भरोसा उठ रहा है और मुस्लिम वोटर भी धीरे-धीरे एनडीए की ओर आ रहा है।’ दरअसल सोमवार को पटना में अलग-अलग राजनैतिक दलों द्वारा इफ्तार का आयोजन किया गया था। इस दौरान चिराग पासवान द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी से कई मुस्लिम नेताओं ने दूरी बना रखी थी। इसी मामले पर बोलते हुए चिराग पासवान ने बयान देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार मुसलमानों के लिए लगातार काम कर रही है लेकिन उस हिसाब से मुस्लिम समुदाय के लोगों का वोट एनडीए को नहीं मिल रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुसलमानों का इस्तेमाल केवल वोट बैंक की तरह किया गया है।