केंद्र सरकार ने गरीबों की मदद के लिए कई सारी योजनाएं लागू की हैं। लेकिन मेहनतकश कारीगर परिवारों की मदद में भी केंद्र सरकार पीछे नहीं है।परंपरागत कारीगर परिवार के बच्चे भी अपने खानदानी हुनर को सीखें, इसके लिए पिछले साल 17 सितंबर 2023 को केंद्र सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की थी।योजना को शुरू हुआ अभी एक साल से कुछ ही ज्यादा वक्त बीता है। इतने ही दिनों में 10 लाख से भी ज्यादा लोगों ने इसका लाभ उठा लिया है।
इस योजना में पारंपरिक रोजगार के 18 विभिन्न क्षेत्रों में स्किल ट्रेनिंग दी जाती है। इसके साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले कारीगरों को स्वरोजगार करने के लिए सस्ते ब्याज दर पर लोन भी उपलब्ध कराया जाता है। इस साल 10 नवंबर तक इस योजना के तहत 10 लाख से अधिक व्यक्तियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। यही नहीं, करीब 34 हजार व्यक्ति ट्रेनिंग की शुरुआत कर चुके हैं।
क्या है इस योजना का मकसद
पीएम विश्वकर्मा योजना का मकसद उनकी मदद करना है, जो अपने पारंपरिक हुनर से जीवनयापन करना चाहते हैं। इनमें लोहार, बढ़ई, कुम्हार, दर्जी, और कई अन्य शिल्पी आते हैं।। ऐसे परिवार के युवा योजना से मिली राशि का उपयोग कर अपनी हस्तकला और शिल्पकला के माध्यम से अपनी आजीविका आराम से चला सकते हैं। इस योजना के तहत, उन्हें वित्तीय सहायता के साथ-साथ तकनीकी प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरण भी मुहैया कराए जाते हैं, जिससे वे अपने काम में सुधार कर सकें और अपनी आमदनी को बढ़ा सकें।
क्या है योजना
पीएम विश्वकर्मा योजना में सरकार लोगों को बिना गारंटी के सस्ती ब्याज दर पर लोन प्रोवाइड कराती है. इतना ही नहीं साथ में 15000 रुपये की आर्थिक मदद भी की जाती है. इस योजना में 3 लाख रुपये तक का लोन लोगों को दिया जाता है. यह लोन सिर्फ 5 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाता है. योजना के पहले चरण में 1 लाख का लोन बिजनेस स्टार्ट करने के लिए दिया जाता है और दूसरे चरण में 2 लाख का लोन दिया जाता है. इस योजना में 18 पारंपरिक कौशल वाले व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिसके तहत लोगों को बिजनेस शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है.
इस योजना में शामिल 18 पारंपरिक कौशल वाले व्यवसायों के लिए लोगों को ट्रेनिंग भी दी जाती है, जिसमें 500 रुपये प्रति महीने स्टाइपेंड दिया जाता है. योजना में कोई भी 18 से 50 साल की उम्र का भारतीय नागरिक आवेदन कर सकता है.