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Cyber Crime Digital Arrest: वृद्धा को पांच दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 46 लाख रुपये

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  1. ट्राई, कस्टम, सीबीआई के फर्जी अधिकारी बनकर अंजाम दी वारदात।
  2. क्राइम ब्रांच ने पीड़िता की शिकायत पर किया केस दर्ज, शुरू की जांच।
  3. विदेश में रहता है महिला का बेटा। अकेले रहने वाले बुजुर्ग निशाने पर।

इंदौर  शहर में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। एक वृद्धा को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर उनके साथ 46 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में सोमवार को क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया है। महिला का बेटा विदेश में रहता है।

अधिकारियों के मुताबिक, फरियादी ने बताया कि 11 सिंतबर को अंजान नंबर से फोन आया, जिसमें अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि टेलीकॉम रेग्युलेटशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के दिल्ली हेड आफिस से जांच अधिकारी विनोद कुमार बोल रहा हूं। आपके नाम से जियो कंपनी की सिम रजिस्टर्ड है, जिसके माध्यम से इललिगल एडवरटाइजिंग और हैरसमेंट का अपराध किया गया है।

इसलिए आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। आपके सभी मोबाइल नंबर एक घंटे में बंद कर दिए जाएंगे। थोड़ी देर बाद फिर अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉलर ने बोला कि आपके नाम से आपके आधार कार्ड से दर्ज एक पार्सल कंबोडिया भेजा गया है, जो कि कस्टम विभाग में है। इसकी जांच चल रही है, फिर मैंने फोन काट दिया।

वाट्सएप पर फोन आया, कहा- मैं सीबीआई अधिकारी बोल रहा

महिला ने बताया कि इसके बाद फिर वाट्सएप पर फोन आया। वह कहने लगा कि मैं सीबीआई अधिकारी बोल रहा हूं। संदीप कुमार के यहां से आपके नाम की पासबुक निकली है। इसमें ड्रग्स, आतंकवाद, मनी लान्ड्रिंग के लिए करोड़ों के ट्रांजेक्शन मिले।

ठग ने फोन पर कहा कि संदीप हमारी कस्टडी में है। आप उसे कैसे जानते हो, आपके खिलाफ हमने वारंट निकाल दिया है। दिल्ली की एचडीएफसी बैंक में खाता है, जिससे सारे ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। 40 हजार लेकर उनको खाता दिया है। इसके बाद कहने लगे आप हमें अपनी जानकारी दीजिए, नहीं तो ठीक नहीं होगा।

पीड़िता ने डर के मारे ट्रांसफर कर दिए 40 लाख रुपये

आपका सारा पैसा आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर करो, जानकारी नहीं मिली तो आपको और आपके बच्चों को जान का खतरा है। इसके बाद मैंने 13 सितंबर को अपने खाते से ठग द्वारा बताए खाते में 40 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद 14 सितंबर को ठग का फोन आया और उसने बोला कि आप इनोसेंट हैं।

हमारे सर्विलेस में रहिए, आप पर लगातार नजर रखी जा रही है। सभी खातों की जानकारी दीजिए, हम उन्हें चेक करके बताएंगे। इसके बाद फिर फोन आया और मुझसे लगातार 17 सितंबर तक बातचीत की और मानसिक रूप से डिजिटल अरेस्ट कर रखा। इसके बाद उन्होंने छह लाख रुपये की और ठगी की।